जयपुर का आमेर  किला क्यों  प्रसिद्ध है 

यह किला अरावली पर्वत श्रृंखला की ऊंची पहाड़ियों पर स्थित जयपुर की शाही शान को उजागर करने वाला एक अनूठा किला है

इस किले का निर्माण महाराजा मानसिंह ने 1592 में सफेद संगमरमर और लाल बलुआ पत्थर से करवाया था

इस किले की खूबसूरती को निहारने और इतिहास को जानने के लिए हर साल यहा लाखों की संख्या में पर्यटक घुमने आते है

यह ऐतिहासिक किला अपनी खूबसूरत हिंदू वास्तुकला और भव्यता के लिए पर्यटकों के बीच आकर्षण का केंद्र है।

आमेर किले को आम्बेर किले के नाम से भी जाना जाता है

इस किले के अंदर दीवान-ए-आम, दीवान-ए-खास, सुख निवास और रहने के लिए शीश महल स्थित हैं

शीश महल की छत पर खूबसूरत कांच के टुकड़े लगे हैं जिन्हें राजा ने बेल्जियम से मंगवाया था

आमेर किले के अन्दर एक गुप्त रहस्यमयी 2 किलोमीटर लंबी सुरंग है जो की जयगढ़ किले तक जाती है। वर्तमान में यह सुरंग बंद कर दी गई है

इस किले की बेहतरीन खूबसूरती को देखते हुए यूनेस्को ने 2013 में इसे विश्व धरोहर स्थल में शामिल कर लिया है