10हजार फीट की ऊंचाई पर, उड़ रहा एक प्लेन अचानक दो टुकड़ों में बट जाता है जिसमें सफर कर रही थी 17 वर्ष की एक बच्ची… जैसे ही आसमान में हुए उस तेज धमाके के बाद फिर से वह लड़की अपनी आंखें खोलती है तो देखती है की चारों ओर जंगल ही जंगल है और जंगल भी ऐसा कि… इंसान नाम सुनकर ही डरने लगे, तो आईए जानते हैं कि वह लड़की कौन थी और प्लेन से गिरकर कैसे बची और उससे भी बड़ी बात कि उसने अगले कई दिन और रातें उस जंगल में कैसे गुजारी… Julian Kopak
बात है 1971 की, 17 वर्षीय जुलियन कोपक अपनी मां के साथ विमान में यात्रा कर रही थी। कुछ दिन पहले ही जुलियन ने हाईस्कूल पास की थी और अब वह अपने पिता से मिलने जा रही थी। जुलियन के पिता एक वैज्ञानिक थे जो अमेजन के जंगलो पर शोध कर रहे थे। दुनिया का सबसे खुशहाल देश
Julian Kopak
24 दिसंबर की शाम को जुलियन और उनकी मां पेरू की राजधानी लीमा से उड़ान संख्या 508 में सवार हुईं। विमान में उनके सहित कुल 86 यात्री थे, अभी प्लेन को टेकऑफ हुए कुछ ही समय हुआ था, की प्लेन तेजी से हिलने लगता है। जुलियन ने खिड़की से बाहर देखने की कोशिश की। बाहर बिजलीया चमक रही थी। विमान के चारों तरफ काले बादल थे, मतलब विमान तूफान में फंस गया था।
2021 में न्यूयॉर्क टाइम्स को दिए इंटरव्यू में जुलियन बताती हैं… कि विमान जोर-जोर से हिल रहा था, लेकिन मेरी मां ने मुझसे कहा कि थोड़ी देर में सब ठीक हो जाएगा। लेकिन हुआ माँ की उम्मीदों के विपरीत, स्थिति ओर ज्यादा खराब होती चली गईं। आसमान में चमकती बिजली विमान से टकराई। पहले विमान का इंजन फेल हुआ, फिर विमान की बॉडी टूटने लगी। ओर देखते ही देखते विमान दो टुकड़ों में टूट गया। Mule Account क्या है, कहीं आप फंस ना जाएं
जुलियन बताती है… लोगों ने सीटबेल्ट पहनी हुई थी, इसलिए लोग अभी भी अपनी सीटों से चिपके हुए थे। जुलियन कहती हैं कि सब कुछ इतनी जल्दी हुआ कि कुछ समझ पाना मुश्किल था। मैंने अपनी मां को देखने की कोशिश की, लेकिन मुझे अपने सामने खाली आसमान दिखाई दिया। तेज हवाएं मेरे चेहरे से टकरा रही थीं।
जुलियन अब दरअसल खुले आसमान में थी। विमान हादसे के दौरान उसकी सीट विमान से उखड़ गई, जिसकी वजह से जुलियन विमान से अलग होकर जमीन की ओर गिरने लगी। वो 10 हजार फीट की ऊंचाई से निचे गिर रही थी और नीचे था अमेजन का विशाल जंगल था।
जुलियन अपने साथ हुई घटना को याद करते हुए कहती हैं कि जब मुझे होश आया तो मैं जंगल के बीचों-बीच थी। मेरे पैर और सिर में चोट लगी थी, पर में जिन्दा थी… लेकिन मुझे नहीं पता कि मैं कैसे जिंदा थी। इतनी ऊंचाई से गिरने के बाद अगर कोई बच जाए तो उसे खुशकिस्मत ही कहेंगे,
लेकिन जुलियन की किस्मत को तो अभी और बाधाए पार करनी थी। क्या थी बाधाए — जुलियाना जहा गिरी थी वो अमेजन का घना जंगल था… वही अमेजन जिसमे वनस्पति इतनी सघन है की सूर्य के किरने भी धरातल तक नहीं पहुच पाती, तो वही यह जंगल एनाकोंडा, जगुआर और मगरमच्छ और पिरान्हा जैसे जानवरों का घर माना जाता है
इस जंगल में इनसे बचना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है… समस्या अब भी ख़त्म नहीं होती है… अगर इन से किसी तरह बच भी जाए तो अगला मुकाबला करना होता, मच्छरों के आतंक और बुलेट चींटी से… कहते यह दुनिया की एकमात्र एसी चींटी है जिसके काटने पर गोली लगने जितना दर्द होता है
पर कहते है ना की जाको राखे साईंया, मार सके ना कोय… उस 17 साल की लड़की को ऐसे जंगल में अकेले ही रात बितानी पड़ी। वहां खाने-पीने के लिए कुछ नहीं था। ऐसे में कोई आम इंसान शायद ही बच पाता, लेकिन सायद जुलियन कोई आम नहीं थी।
जुलियन के माता पिता दोनों जंगल प्रेमी थे वो जंगलो के बिच पैदा हुई थी, उसके पिता ने अमेजन के जंगल में एक रिसर्च सेंटर बनाया था वो जंगलो पर शोध करते थे और उन्होंने जंगलों को बचाने के लिए अभियान भी चलाया था। यही कारण है कि जुलियन को बचपन से ही जंगल का अनुभव था। यह अनुभव उस दिन जुलियन की जान बचाने वाला था। उसके सिर पर चोट लगी थी और वह एक आंख से देख भी नहीं पा रही थी। होश में आने के कुछ मिनट बाद वह फिर बेहोश हो गई।
आधे दिन के बाद जब वह होश में आई तो उसने अपनी मां को ढूंढने की कोशिश की लेकिन वहां कोई नहीं था। जुलियन उम्मीद खोने ही वाली थी कि उसे पानी का एक छोटा सा स्रोत दिखाई दिया। उसे कुछ याद आया जो उसके पिता ने उसे सिखाया था।
एक छोटी धारा एक बड़ी धारा से मिलती है। पानी नीचे की ओर बहता है और यदि पानी की इस धारा के साथ साथ चलते हैं, तो आपको अंत में कुछ मानव बस्ती जरुर मिलेगी। यह सोचकर जुलियन धारा के साथ चलने लगी। पानी साफ था और पीया जा सकता था लेकिन खाने को कुछ नहीं था। फिर भी जुलियाना चलती रही
कई बार उसे नदी तैरकर पार करनी पड़ी तो कई बार जंगल का कठिन रास्ता पैदल पार करना पड़ा। जंगल में भटकते हुए अब चार दिन बीत गए। फिर चौथे दिन जुलियाना को उम्मीद की किरण नजर आई। जंगल में एक जगह प्लेन की कुछ सीटें दिखाई दि। प्लेन से ठीक उसकी तरह तीन लोग नीचे गिरे थे, लेकिन उनका भाग्य जुलियन जैसा नहीं था।
तीनों की मौत हो गई थी। बल्कि तीनों आसमान से जमीन पर इस तरह गिरे थे कि उनके सिर जमीन में धंस गए थे। इनमें से एक महिला थी। जुलियन को लगा कि वह उसकी मां है, लेकिन जब जुलियाना ने उसे बाहर निकालकर देखा तो वह उसकी मां नहीं थी।
जुलियन एक बार फिर निराश हुई, लेकिन उसकी नजर पास में पड़े एक पैकेट पर पड़ी। उसने उसे खोलकर देखा कि उसमें कुछ चॉकलेट्स थीं, जिसका मतलब था कि जुलियन के भोजन का कुछ तो इंतजाम हो गया था
उधर इस विमान क्रैश की खबर हर तरफ फ़ैल चुकी थी आसमान में बचाव दल के हेलीकॉप्टर उड़ रहे थे, लेकिन इतनी उचाई से जुलियन को इस जंगल में देख पाना मुश्किल था। हेलीकॉप्टर बचाव दल कई दिनों तक खोज करता रहा लेकिन उन्हें विमान का कोई हिस्सा नहीं मिला, कुछ दिनों के बाद जंगल के ऊपर उड़ते हेलीकॉप्टर की आवाज भी बंद हो गई।
अब जुलियन के पास उम्मीद की कोई वजह नहीं थी। इसके बावजूद वो आगे चलती रही। नौ दिन और नौ रात जंगल में अकेले भटकने के बाद जुलियाना को एक झोपड़ी दिखाई दी। झोपड़ी खाली थी, इसलिए उसने वहा आराम करने का विचार किया। वो वहा लेटी और उसे ही नींद आ गई…।
जुलियन कोपक कहती हैं, ‘उस झोपड़ी में मुझे लगा कि यह मेरी आखिरी नींद होगी, शायद मैं बच ना पाऊं, पर कुछ ही घंटो बाद जुलियाना की आखे खुली तो वह देखती है की, कोई दो व्यक्ति उसके पास बैठे है और उसकों देख रहे है, उस दिन उन लोगो ने जुलियन को वही रुकने दिया फिर अगले दिन नाव में बिठाकर एक नजदीकी अस्पताल में ले गए
जंगल में अकेले 11 दिन बिताने के बाद जुलियन को बचा लिया गया। जुलियन की जानकारी के मुताबिक, विमान का मलबा भी मिल गया था, लेकिन विमान में सवार कोई अन्य यात्री नहीं बचा। जुलियन खुद इस दुर्घटना से सालों तक मानसिक रूप से जूझती रहीं।
जुलियन ने बाद में अपनी पीएचडी पूरी की और एक महान जीवविज्ञानी बनीं। बाद में उन्होंने अपने अनुभवों के बारे में एक किताब भी लिखी ‘व्हेन आई फेल फ्रॉम द स्काई’। https://amzn.to/4bQN7Aq
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