समय और ऊर्जा का सदुपयोग करके बने आईएएस अधिकारी श्रीनाथ की अद्भुत अविश्वसनीय अकल्पनीय यात्र… दुनियावी सफ़र में बहुत से सफल लोगों पर नजर डालें तो पाएंगे कि उनकी उपलब्धियों और सफलताओं के पीछे उनकी विशेष रणनीतियाँ, कड़ी मेहनत, समर्पण और उनके सामने आई कठिन परिस्थितियाँ ही होती हैं जो उन्हें सामान्य से विशिष्ट की ओर ले जाने का माद्दा रखती है। 👉 भारत का सबसे सुंदर गांव कुछ कहानियां इतनी अनोखी और अजीब होती हैं कि वे हमारे दिलों में हमेशा के लिए प्रेरणादायक बनी रहती हैं। दृढ़ संकल्प और सफ़लता की ऐसी कहानियां पढ़कर अभ्यर्थी प्रेरित होते हैं। राज्य प्रशासनिक सेवा से लेकर UPSC परीक्षा तक शानदार सफलता हासिल करने वाले अनगिनत ऐसी शख्सियतें है जिनकी संघर्ष की कहानियां अपने आप में मिसाल हुआ करती है उनके पीछे कई चौंकाने वाली कहानियां और सच्चाई हैं। ऐसे सफल शख्सियतों में से एक हैं भारत के सूदूर दक्षिण में बसे राज्य केरल के कुली श्रीनाथ । उनकी उपलब्धि के पीछे की कहानी हर किसी के लिए अविश्वसनीय और आकर्षक है। यह उन सभी आगामी उम्मीदवारों के लिए एक महान अंतर्दृष्टि और उत्तेजना है जो किसी भी स्तर की प्रशासनिक सेवा परीक्षा तैयारी में है या मेडिकल प्रवेश परीक्षा में संलग्न हो या फिर आईआईटी जेईई जैसी परीक्षाओं में बैठने के लिए उत्सुक हैं। 👉👉 रहस्य पाक पनडुब्बी के साथ भारत ने क्या किया था इस आर्टिकल के ज़रिए, हम केरल के एक कुली श्रीनाथ के की यात्रा के पीछे की कहानी पढ़ेंगे कि कैसे उन्होंने कठिन परिस्थितियों का सामना किया और यूपीएससी परीक्षा को सफलतापूर्वक पास किया। उपलब्धि के प्रति उनका दृढ़ संकल्पऔर रणनीति। आईएएस श्रीनाथ के, जीवनी, यूपीएससी रैंक और तैयारी रणनीति के बारे में जानने के लिए इसे अवश्य पढ़ें। आईएएस श्रीनाथ की जीवनी केरल राज्य के मुन्नार के मूल निवासी आईएएस श्रीनाथ के ने केरल के एर्नाकुलम रेलवे-स्टेशन पर बतौर कुली के रूप में काम किया, जो मुन्नार का निकटतम केंद्रीय रेलवे-स्टेशन है। श्रीनाथ आप और हमारी तरह ही एक मध्यम वर्गीय परिवार से ताल्लुक रखते हैं। श्रीनाथ रेलवे स्टेशन पर यात्रियों का सामान और बेग उठाने का काम करता कर कुछ पैसा जुटाते थे जिसके ज़रिए अपने परिवार की आर्थिक आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद करते थे। एक युवा व्यक्ति के रूप में उनका जीवन और काम बहुत कठिन हो गया। उन्होंने अपना काम पूरी निष्ठा के साथ प्रभावी ढंग से किया, परिणामस्वरूप, आवश्यक शारिरिक परिक्षण पास करने के बाद वह अपने कुली बैच के अधिकृत कुली, कुली नंबर- 343 बन गए और 5 वर्षों तक ऐसा ही किया। श्रीनाथ 2018 में 27 साल की उम्र में जब एक बेटी के पिता बने तो उन्हें एहसास हुआ कि उनकी आय जो उनके परिवार के लिए पर्याप्त है। वह कभी नहीं चाहते थे कि उनकी इतनी कम कमाई के कारण उनकी छोटी बेटी को जीवन में कोई परेशानी हो। जब उन्होंने पूरे दिन के साथ-साथ रात में भी काम करने और फिर भी प्रति दिन मुश्किल से 500-700 रुपये कमाने की अपनी कहानी साझा की तो उन्हें बहुत दुःख और निराशा हुई। वह अपनी जिम्मेदारियों के एहसास के साथ एक बहुत ही परिपक्व व्यक्ति थे। उन्होंने अपने परिवार के लिए अच्छी आमदनी और बेहतर जीवन-यापन के लिए कड़ी मेहनत की। श्रीनाथ के एक मध्यम वर्गीय परिवार से थे। उन्हें पढ़ाई और मेहनत करने का शौक था. लेकिन, उनके पास ट्यूशन लेने या पढ़ने के लिए किताबें खरीदने तक के पैसे भी नहीं थे। सरकार ने जब जनवरी 2016 में मुंबई सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर मुफ्त वाईफाई सेवा प्रदान की। इससे श्रीनाथ को अपनी महत्वाकांक्षाओं को हासिल करने में मदद मिली और उन्होंने सीएसई परीक्षा पास की। रेलवे स्टेशन पर काम करते समय उन्होंने ऑनलाइन लेक्चर सुनने के लिए वाई-फाई का उपयोग किया। किताबों या किसी कोचिंग क्लास पर खर्च करने के बजाय, श्रीनाथ ने परीक्षा की तैयारी करने में सक्षम होने के लिए केवल मुफ़्त वाई-फाई का लाभ उठाया। अपने लक्ष्यों को पूरा करने के लिए एक स्मार्टफ़ोन, एक मेमोरी कार्ड, एक जोड़ी ईयरफोन और मुफ्त वाईफाई ये सभी चीजें आवश्यक थीं। रेलवे स्टेशन पर काम करते हुए भी वे सभी पाठ ध्यान से सुनते थे। उन्होंने अपना कर्तव्य भी पूरी दृढ़ता के साथ निभाया। उन्हें प्रभावी कौशल वाला एक महान मल्टी-टास्कर कहा जा सकता है। श्रीनाथ ने इसी दरमियान केरल लोक सेवा आयोग की लिखित परीक्षा उत्तीर्ण की। हालाँकि श्रीनाथ केवल एक ऐसी नौकरी की कामना कर रहे थे जो उन्हें अपने गाँव की दिशा बदलने के लिए कुछ शक्ति प्रदान कर सके और उचित मासिक आय द्वारा अपने परिवार को बेहतर ढंग से पालने में सहायता कर सके। वह सरकार के भूमि राजस्व विभाग के तहत ग्राम क्षेत्र सहायक के रूप में नौकरी पाने का प्रयास कर रहे थे। इसे पास करने से पहले उन्होंने तीन बार संघ लोक सेवा आयोग परीक्षा दी। हर बार उन्होंने कड़ी मेहनत की और ख़ुद पर विश्वास किया। जब वह तीसरी बार यूपीएससी परीक्षा में असफल हो गए।उन्होंने ऐसा कहा कि… “यह केवल अभ्यास और धैर्य की बात है। मैं परीक्षा देता रहूंगा, जब तक परीक्षाएँ मेरे लिए आसान नहीं हो जातीं और मैं अच्छे अंक प्राप्त नहीं कर लेता।” इससे हम कह सकते हैं कि श्रीनाथ एक ऐसे व्यक्ति हैं जो केवल अभ्यास और ख़ुद पर विश्वास करके सफल हुए। समृद्धि के लिए आत्मविश्वास और विश्वास ही आवश्यक पहलू हैं। उन्होंने हार मानने से मना किया और चौथी बार भी उसी गरिमा और विश्वास के साथ प्रयास किया। श्रीनाथ के रणनीति श्रीनाथ के यूपीएससी पास करने से पहले तीन बार इसमें शामिल हुए। तीसरी बार प्रयास करने और अभी भी सफल नहीं होने के बाद भी उन्होंने हार मानने से इनकार कर दिया। श्रीनाथ के पास ऑन-लाइन कुछ सीखने के लिए न तो खरीदने के लिए पैसे थे और न ही वाई-फाई एक्सेस वाला कोई स्मार्टफोन था। जब उन्होंने परीक्षा के लिए चौथा प्रयास देने का मन बनाया।वह बहुत अधिक आश्वस्त था और अपनी महत्वाकांक्षाओं पर केंद्रित था। 2016 में जब मुंबई के सेंट्रल रेलवे-स्टेशन पर फ्री वाईफाई की सुविधा मिली थी… सारा फ़ायदा श्रीनाथ ने उठाया। जब आख़िरकार उन्हें एक नए मेमोरी कार्ड और इयरफ़ोन के साथ एक स्मार्टफोन मिला, तो वह सीएसई परीक्षा में