अजमेर शरीफ दरगाह क्यों प्रसिद्ध है 

विवरण

यह दरगाह सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की समाधि है

महत्व

यह मुस्लिम धर्म का एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है, जहां हर साल लाखों श्रद्धालु आते हैं

विशेषता

यहां आने वाले श्रद्धालु मन्नत मांगते हैं और दरगाह पर चादर चढ़ाते हैं।

विशेष

 उर्स मेले के दौरान यहां विशेष उत्सव आयोजित किए जाते हैं

इतिहास

ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती 12वीं शताब्दी में भारत आए और उनकी शिक्षाएं लाखों लोगों के लिए मार्गदर्शक बनीं 

वास्तुकला

दरगाह की मुख्य संरचना में संगमरमर की जाली, विशाल दरवाजे, और शानदार गुंबद शामिल हैं।

वास्तुकला

 यहाँ दो मुख्य द्वार हैं - निजाम गेट और शाहजहानी गेट

विशेष आयोजन

उर्स मेला, ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की पुण्यतिथि पर आयोजित होता है

विशेष आयोजन

उर्स मेला,   जिसमें देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु भाग लेते हैं