भारत की सड़कों पर न्याय के लिए लड़ती रही, पर न्याय नहीं मिला
वह 9 साल की थी, तब उनके पिता की हत्या हो गई
गुस्सा आया तो, उसने खेल रत्न और अर्जुन पुरस्कार लौटा दिया
जब ओलंपिक में जाने की बारी आई तो, उसे रोकने के लिए साजिसे रची गई,
Vinesh Phogat Medal List
इतना ही नहीं
WFI ने उन्हें खोटा सिक्का और लंगडा घोडा तक कह डाला
ट्रेन में उसे प्यार हुआ, तो शादी में 7 नहीं 8 फेरे लिए
ये कहानी है देश ही दुनिया की बहुचर्चित और लोगों की पलकों का सितारा बनी भारत की बेटी रेसलर विनेश फोगाट की तो
करेंगे बात संघर्ष से 100 ग्राम वजन तक.. किस किस को पछाड़ा किस किस को पटका
और कब-कब कितने मेडल जीते तो आइए शुरू से शुरू करते है
विनेश फोगाट की कहानी
25 अगस्त 1994, हरियाणा के चरखी दादरी के बलाली गाव के किसान परिवार में एक बेटी का जन्म होता है नाम रखा गया विनेश फोगाट, विनेश धीरे धीरे बड़ी होती है और महज 9 वर्ष की उम्र में उनके सिर से पिता का साया उठ गया, उनके पिता राजपाल फोगाट की हत्या हो जाती है, ग्रामीण जीवन दुखों का पहाड़, तो लालन पालन की, जिमेदारी आई माता प्रेमलता के नाम
हरियाणा जहा पहलवानी और कुश्ती हर गाव, गली, गुवाड़ो में खेली जाती है इसलिए रेसलर बनना विनेश के लिए कोई नया काम या नाम नहीं था पर… एक बात जो नई भी थी तो समाज के गले उतरने वाली भी नहीं थी… क्या थी, महिलओं का कुश्ती खेलना
ये वो दोर था जब पहलवानी में सिर्फ पुरुषों का ही एकाधिकार था, महिलओं का घर में रहना और घूँघट में जीना, बस यही दिनचर्या थी…इसलिए फोगाट परिवार को कई समस्याओ व सामाजिक विरोधो का सामना करना पड़ा,
विनेश फोगाट के दादाजी मानसिंह पहलवान थे तो चाचा महावीर फोगाट भी एक पहलवान और कुश्ती के जाने माने कोच थे, मतलब… विनेश को कुश्ती विरासत में मिली थी पर जरूरत थी सामाजिक बंधनों से पार पाने की
कुश्ती के प्रति परिवार के प्यार और चाचा महावीर फोगाट के मजबूत समर्थन ने उन्हें चुनौतियों से उबरने और कुश्ती के प्रति अपने जुनून को आगे बढ़ाने में मदद मिली
समय बिताता गया और विनेश की कुश्ती निखरती गई…
विनेश फोगाट मैडल लिस्ट
- विनेश ने अपनी जीत का सिलसिला शुरू किया… और इंटरनेशनल लेवल पर सबसे पहले उन्होंने जीता 2013 की वर्ल्ड यूथ चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल
- 2013 एशियन रेसलिंग चैंपियनशिप की 51 किलो की कैटेगरी में ब्रॉन्ज मैडल
- और कॉमनवेल्थ रेसलिंग चैंपियनशिप में सिल्वर मैडल
विनेश फोगाट गोल्ड मैडल
- फिर आया साल 2014 जो विनेश के लिए विजय रथ साबित हुआ… और विनेश ने ग्लासगो शहर में खेले गए कॉमनवेल्थ गेम्स के 48 किलो की कैटेगरी के फाइनल में उन्होंने एक ब्रिटिश रेसलर को 11-8 से हराकर सिर्फ 20 साल की उम्र में कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीता
- मैडल जितने का सिलसिला जारी रहा और इसी वर्ष एशियाई खेलो में भी 48 किलों की केटेगरी में ब्रॉन्ज मैडल जीता
- यहा बार बार 48 किलों का जिक्र इस लिए किया जा रहा है क्यों की हाल ही में हुए पेरिस ओलंपिक में 50 किलों की केटेगरी में मात्र 100 ग्राम वजन ज्यादा होने पर उन्हें डिसक्वालीफाई कर दिया गया, तो यहाँ आलोचकों ने सवाल किए थे की 53 किलों की केटेगरी में खेलने वाली विनेश ने 50 किलोंग्राम क्यों चुना… तो इस सवाल का फ़िलहाल यही जवाब है की ये सब परिस्थितियों पर निर्भर करता है वैसे भी विनेश ने 50 किलों की केटेगरी अपनी इच्छा से नहीं मज़बूरी में चुनी थी क्यों की 53 किलोंग्राम की केटेगरी पहले से ही रिजर्व कर दि गई थी, और इससे से बड़ी बात की विनेश 50 ही नहीं 48 किलों भी खेल चुकी है
- इसके बाद 2015 एशियाई चैम्पियनशिप दोहा 48 किलों में सिल्वर मैडल
- 2016 एशियाई चैम्पियनशिप बैंकोक 53 किलों में ब्रॉन्ज मैडल
- 2016 रियो ओलंपिक, में पहले की मैच में अपनी प्रतिद्वंद्वी खिलाड़ी के दोनों कंधे मेट से लगाकर चित कर दिया और यह मैच 0-11 से अपने नाम किया, जब विनेश क्वार्टर फाइनल में पहुंची तो सामने थी चीन की सुन यानं यह मैच भी विनेश जीत जाती, But इसी वक्त जब वह अपनी प्रतिद्वंद्वी से आगे चल रही थी उन्हें एक भयंकर चोट लगी और प्रतियोगिता से बाहर होना पड़ा.. और एक लम्बा समय लगा इसको कवर करने में
- 2017 एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप नई दिल्ली, 8 महीने बाद चोट से वापसी करते हुए विनेश फोगाट ने 55 किलोग्राम फ्रीस्टाइल मैं ब्रॉन्ज मेडल जीता
- 2016 के हादसे के दो वर्ष बाद फिर से विनेश ने रेसलिंग में जबरदस्त कमबेक करती है और 2018 आस्ट्रेलिया में आयोजित गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ गेम्स, यहाँ पर विनेश का फ़ाइनल में सामना हुआ कनाड़ा की रेसलर जेसिका मैक डोनाल्ड के साथ जिसको विनेश ने 13 -3 के स्कोर से जीता और साथ ही देश के लिए एक और गोल्ड मैडल … यहाँ भी एक ध्यान देने वाली बात है की यह गोल्ड मैडल भी विनेश ने 50 किलोग्राम में ही जीता
- इसके ठीक बाद जकार्ता में एशियाई गेम्स हुए जिसमे पहले ही मैच में इनका सामना हुआ सुन यानं से यह वही सुन यानं थी जिनके साथ हुए 2016 के मुकाबले में विनेश को चोट लगी थी, यहाँ विनेश ने इनको 8 -2 से मात दी, इस मैच का फ़ाइनल हुआ जापान की रेसलर के साथ, और यहाँ भी विनेश ने 6 -2 के साथ फ़ाइनल जीता और बन गई एशियाई गेम्स की गोल्ड मेडलिस्ट
- इसी वर्ष यानि 2018 में एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप बिश्केक में भी 50 किलोग्राम में सिल्वर मैडल जीता
- 2019 विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप कजाकिस्तान 53 किलोग्राम में ब्रॉन्ज मेडल
- फिर 2019 एशियाई चैम्पियनशिप शीआन 53 किलोग्राम में ब्रॉन्ज मेडल
- 2020 एशियाई चैम्पियनशिप नई दिल्ली 53 किलोग्राम में ब्रॉन्ज मेडल
- 2021 एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप अल्माटी 53 किलोग्राम में गोल्ड मैडल
- फिर आया 2021 टोकियो ओलाओलंपिक, यहाँ विनेश 53 kg की केटेगरी में थी, लेकिन अब विनेश के लिए मुश्किल था… यहाँ साथ कम और साजिसे ज्यादा होने लगी थी… यहाँ भी विनेश ने पहला मैच 7-1 से जीता, लेकिन दूसरा मैच हार गई, वजह… बताई गई विनेश की तबियत बिगड़ना, विनेश को जो सुविधाएँ भारतीय कुश्ती संघ से मिलनी चाहिए वो नहीं मिली… और उल्टा उन पर अनडीसिपलिन का आरोप लगाकर उन्हें टेम्प्रर्ली बाहर कर दिया
- लेकिन विनेश ने हिमत नहीं हारी, वो फिर से खड़ी हुई, फिर से खेली और अबकी बार यानी 2022 बर्मिंघम कॉमनवेल्थ में फिर से गोल्ड मैडल जीता
- इसी वर्ष यानि 2022 इसके बाद बेलग्रेड में हुए वर्ल्ड चैम्पियनशिप में ब्रॉन्ज मैडल जीता
- और इसके बाद हुआ… रेसलर्स का WFI अध्यक्ष के खिलाफ एक बड़ा आन्दोलन… क्या कारण थे मोटा मोटी बताया गया सेक्सुअल मिसकंडक्ट लेकिन साथ साथ और भी कई कारण थे
- रेसलर के साथ मिस बिहेव करना, उनकी सुविधाओं में कटौती करना, सही कोच का उपलब्ध न करवाना, मुख्य रूप से हरियाणा के खिलाड़ियों को अनदेखा करना… और सायद यही वह कारण थे जिनकी वजह से विनेश को टोकियो ओलंपिक्स में हार का सामना भी करना पड़ा था
- फिर आया पेरिस ओलंपिक 2024,
- यहाँ 53 किलोग्राम का कोटा गया- अंतिम पंघाल को और विनेश के हाथ आया 50 किलोग्राम… इसमे भी WFI ने चिट किया था… यहाँ WFI ने ट्राईल नहीं करवाया था
- लेकिन विनेश 50 किलोग्राम में पेरिस पहुची और पहला ही मैच हुआ टोक्यो ओलंपिक की गोल्ड मेडलिस्ट युई सुसाकी के साथ जिनका इस मैच से पहले 82- 0 का रिकोर्ड था जो अपने पुरे केरियर में सिर्फ 3 मैच छोड़कर हर मैच जीतती चली आ रही थी जो थी 50 किलोग्राम में दुनिया की नंबर one रेसलर, इस मुकाबले को विनेश ने जीता 3-2 से
- अगला क्वाटर फ़ाइनल का मैच हुआ यूरोपियन चैम्पियन ओकसाना लिवेशको के साथ इसी मुकाबले विनेश ने जीता 7-5 से
- इसके बाद सेमी फ़ाइनल में उनका मुकाबला हुआ पैन अमेरिकन गेम्स चैम्पियन यूस गुजमान से यह मैच विनेश ने 5 -0 से जीता
- इसमे सबसे खास बात की ये तीनों ही मैच विनेश ने एक दिन में जीते और बनी ओलंपिक के फ़ाइनल में पहुचने वालि पहली भारतीय रेसलर
- लेकिन फिर अगले दिन यानि फ़ाइनल के दिन वो हुआ जो नहीं होना चाहिए था, विनेश मात्र 100 ग्राम भार ज्यादा होने की वजह से ओलंपिक में डिसक्वालीफाई हो गई …
- और इसी के साथ भारत का पेरिस ओलंपिक में गोल्ड का सपना टूट गया और साथ में छोड़ गया अनगिनत सवाल …
- सवाल जो आप सब जानते है और जवाब आपको अपने दिल और दिमाक की गहराई से खोजने है
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Vinesh Phogat Medal List FAQ
विनेश फोगाट का गांव कौन सा है
विनेश फोगाट का जन्म हरियाणा के चरखी दादरी के बलाली गाव के एक सामान्य किसान परिवार में हुआ था