Never sit idle…मध्यवर्गीय परिवार का एक बच्चा, 12वी पास करने के बाद… अब आजाद पंछी बन चुका था, हाथ में मोबाइल, पैरों के नीचे बाइक, घर पर कोई सवाल नहीं, दोस्तों की कमी नहीं…
सफर शुरू होता है… पढ़ाई कम मौज मस्ती ज्यादा, घर पर कोई काम नहीं, दोस्तों के साथ आवारा गिरदि ज्यादा
समय कब बिता पता ही नहीं चला और कॉलेज के 3 साल कंप्लीट हो जाते हैं
अब 3 साल बाद में जो मोटा मोटी कमाया था उसकी लिस्ट इस प्रकार थी
नशे के आदि
बेशुमार खर्चे
ऑनलाइन गेमिंग की लत
दोस्तों से उधार की एक लंबी लिस्ट
लेकिन इन सब के अलावा एक और बड़ी समस्या थी जो दोस्त शुरू शुरू में साथ थे वो अब उसका साथ छोड़ चुके थे और घर परिवार की जिम्मेदारी लेने का वक्त भी आ चुका था… But अब करे क्या जिंदगी सवारने का सही समय तो खराब कर चूका था
अब मोहित बिल्कुल टूट चुका था (मोहित एक काल्पनिक नाम है)
मोहित एक दिन सुबह-सुबह मानसिक तनाव, आंखें लाल और और कंधों पर परिवार की ढेर सारी जिम्मेदारी लिए हुए पैदल ही गांव से बाहर की ओर निकल पड़ता है
मोहित कुछ दूर चला ही था कि उसको एक पेड़ के नीचे सज्जन पुरुष योग करते हुए दिखाई देते हैं,
मोहित ने देखा देखा कि उस सज्जन पुरुष का चेहरा तेजस्वी था और उनके व्यक्तित्व में एक विशेष आभा थी ऐसी आभा की मोहित उन्हें देखता ही रहा
मोहित को अपनी ओर देखते हुए देखकर सज्जन पुरुष मुस्कुराए और प्यार से कहा क्या बात है बेटे, काफी परेशानी में लग रहे हो
मोहित बोला, क्या बताऊ खाली बैठा रहता हूं और मुझे समझ में नहीं आता कि मैं क्या करूं मेरे पास ना तो कोई सपना है और ना ही किसी चीज के लिए प्रेरणा
उस सज्जन पुरुष ने कुछ देर तक मोहित को ध्यान से देखा और फिर गहरी आवाज में बोले बेटे खाली बैठना सबसे बड़ा अभिशाप है
तुम्हारा मन और शरीर दोनों प्रकृति की दी हुई अमूल्य देन है यदि तुम इन्हें व्यर्थ में बर्बाद करोगे तो यह जीवन भी बर्बाद हो जाएगा मैं तुम्हें सफलता के 10 नियम बताता हूं यदि तुम इन्हें अपनाओगे तो तुम्हारा जीवन बदल सकता है मोहित ने सिर झुकाया और उस सज्जन पुरुष की बातों को ध्यान से सुनने के लिए तैयार हो गया
वो दश बाते जिन्हें अगर जीवन में लागु किया जाए तो किसी भी मनुष्य का भाग्य बदल सकता है
नंबर एक
सपनों को लक्ष्य में बदलो, हर व्यक्ति के मन में कोई ना कोई सपना होता है परंतु केवल सपने देखना ही पर्याप्त नहीं है जो अपने सपनों को लक्ष्य में बदलते हैं वही सफलता प्राप्त करते हैं सबसे पहले यह तय करो कि तुम्हें अपने जीवन में क्या पाना है यदि तुम यह नहीं जानोगे तो तुम्हारा जीवन बिना दिशा के एक भटके हुए जहाज की तरह होगा
नंबर दो
समय का सही उपयोग करो, संसार में समय सबसे मूल्यवान चीज है एक बार समय को बर्बाद कर देते है, तो यह कभी लौट कर वापस नहीं आता जो व्यक्ति समय की कदर नहीं करता उसे जीवन में सफलता नहीं मिलती हर क्षण को एक अवसर की तरह देखो और उसका सदुपयोग करो
नंबर तीन
ध्यान और एकाग्रता को अपनाओ, ध्यान वह साधन है जो इंशान के विचलित मन को एकाग्र करता है यदि तुम प्रतिदिन ध्यान करोगे तो तुम्हारा मन शांत होगा और तुम्हारी एकाग्रता बढ़ेगी, इससे काम में मन लगेगा वही आपको नये आइडियाज भी आएंगे
नंबर चार
छोटी-छोटी आदतें विकसित करो, हर बड़ा परिवर्तन छोटी-छोटी आदतों से शुरू होता है तुम हर दिन एक नई सकारात्मक आदत अपनाने की कोशिश करो जैसे सुबह जल्दी उठना, पढ़ाई करना या व्यायाम करना, लगातार छोटे-छोटे सुधार तुम्हें महान उपलब्धियों तक ले जाएंगे
नंबर पांच
स्वास्थ्य का ध्यान रखो, कहते है ना पहला सुख नीरोगी काया, वैसे भी एक स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन का निवास होता है
यदि आप अपने शरीर का ध्यान नहीं रखोगे तो तुम्हें सफलता प्राप्त करने में कठिनाई होगी तुम व्यायाम करो पौष्टिक आहार लो और अपनी दिनचर्या को संतुलन बनाए रखो स्वास्थ्य ही सबसे बड़ी पूंजी है
नंबर छ
सकारात्मक सोच रखो, जीवन में सकारात्मक सोच अपनाओगें तो तुम्हें हर स्थिति में अच्छा देखने की आदत हो जाएगी तुम अपने विचारों को नियंत्रित कर सकोगे क्योंकि वही तुम्हारे कार्यों को प्रभावित करते हैं नकारात्मक सोच सिर्फ बाधाएं खड़ी करती है
नंबर सात
आत्म अनुशासन का पालन करो, आत्म अनुशासन के बिना इंसान किसी भी लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर सकते, जरुरी है की खुद को अनुशासित करना सीखो यह जानो कि कब क्या करना है और कब क्या नहीं करना, अपना समय और ऊर्जा का सही दिशा में उपयोग करो
नंबर आठ
विफलताओं से सीखो, जीवन में असफलता ही सबसे बड़ा शिक्षक है असफलताओं को अपने अनुभव की तरह देखो और उनसे सीखो की पहले क्या कमिया रही थी, आगे उसे दुरस्त करो और प्रयास जारी रखो, सफलता जरूर एक दिन आपके द्वार खड़ी होंगी
नंबर नौ
हर दिन कुछ नया सीखो, ज्ञान अर्जित करने से इंसान अपने जीवन में नई ऊंचाइयां पाता है इसलिए हर दिन कुछ नया सीखने की आदत डालो. चाहे वह किताबें पढ़कर हो, किसी विशेषज्ञ से सलाह लेकर या अपने अनुभवों से सीखो But यह सीखने की प्रक्रिया कभी ख़त्म नहीं होनी चाहिए
नंबर 10
कुछ करने की ठानों, कभी हार मत मानो
रुको नहीं, बस चलते जाओ
रुको नहीं बस चलते जाओ
उम्मीद करती हूं आपको यह कहानी पसंद आई होगी, आगे आप किस विषय पर कहानी चाहते हैं कमेंट करके बताइए, और हां इस वीडियो को शेयर करना और मेरे पेज को फॉलो करना बिल्कुल भी ना भूले मिलते हैं अगली कहानी में तब तक राम-राम
Never sit idle
कुछ करने की ठानों, कभी हार मत मानो
रुको नहीं, बस चलते जाओ
रुको नहीं बस चलते जाओ
जब इंसान सही रास्ते पर चल रहा होता है और अपनी मंजिल के करीब होता है, तो वह बहुत खुशी महसूस करता है,
लेकिन जरूरी नहीं कि वह मंजिल तक पहुंची ही जाएगा क्योंकि मंजिल तक पहुंचने के लिए छोटे रास्तों में भी बड़ी दूरी तय करनी पड़ती है
और कभी-कभी यह छोटे रास्ते भी बंद हो जाते हैं, और फिर हम अपनी किस्मत को कोसते हैं
But दोष किस्मत का नहीं होता है कुछ कमी तो कर्म में ही रही होती है
तो, तो क्या…
कुछ करने की ठानों, कभी हार मत मानो
रुको नहीं, बस चलते जाओ
रुको नहीं बस चलते जाओ
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