लम्बे-चौड़े भाषण देने वाला ही सफल राजनेता नहीं होता है बल्कि Virender Singh की भांति मितभाषी रहते हुए, शासन-प्रशासन से बेहतर जुगलबंदी करने वाला नेतृत्वकर्ता भी सफल राजनेता हो सकता है।
”सागर की अपनी क्षमता है, पर माँझी भी कब थकता है ;
जब तक साँसों में स्पन्दन है, उसका हाथ नहीं रुकता है ।।”
दांतारामगढ़ का इतिहास
रियासती ठिकाने से लेकर आध्यात्मक और पर्यटन को अपने भीतर समेटे हुए दांतारामगढ़ का एक सिंहावलोकन…
आज से करीब 350 साल पहले 1669 में जयपुर के कछवाहा राजवंश के छत्रप राजा वीर सिंह के पुत्र अमर सिंह द्वारा दांतारामगढ़ ठिकाने की स्थापना की जो आजादी तक राजतंत्र की व्यवस्था को संभाला करता था आजादी की सुबह के साथ जब व्यवस्था परिवर्तन हुआ तो यह व्यवस्था बदली और लोकतांत्रिक ढांचे ने आकार लिया।
ग्राम गणराज्य से लेकर देश की शीर्ष पंचायत संसद तक का सफ़र, जब आमजन के भीतर से उठे लोग करने लगे तो इसी आहट में दांतारामगढ़ क्षेत्र के ही एक किसान परिवार मे जन्मे सामान्य से बालक ने राजनीतिक सुगबुगाहट को अपने जेहन में उतारा और धीरे-धीरे राजनीति में वो मिशाल पेश की जो अपने आप में अनूठी और अद्वितीय रही। किसान परिवार की पृष्ठभूमि को अपने भीतर थामे स्वतंत्रता सेनानी श्री पन्ने सिंह और दड़की देवी के इस नौनिहाल को चौधरी नारायण सिंह के रूप
हमने देखा और महसूस किया।
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दांतारामगढ़ का सांस्कृतिक इतिहास
दांतारामगढ़ वह क्षेत्र है जिसके इतिहास के पन्ने बेहद उज्ज्वल है तो भविष्य की रूपरेखा भी स्पष्ट है। यह धरती है भाई – बहन के अमिट प्रेम को अपने आंचल में समेटे हुए अरावली पर्वतमाला के उतुंग शिखर पर विराजमान हर्षनाथ की पहाड़ी पर स्थित हर्षनाथ भैरव का मंदिर है तो उसी पर्वत की घाटियों में शक्ति पीठ के रूप में जीण भवानी का मंदिर स्थित है। यह ना केवल धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत को समेटे हुए एक पर्यटन स्थल मात्र है बल्कि यह सम्पूर्ण शेखावाटी अंचल की अद्वितीय सांस्कृतिक विरासत को समेटे हुए हमारी सांस्कृतिक धरोहर है। हमारी आस्था का हृदय स्थल है।
चौहान राजवंश की कुलदेवी जीण माता का मंदिर शक्ति पीठों मे अपनी विशिष्ठ पहचान रखता है तो हर वर्ग-सम्प्रदाय मे अपनी पहचान रखता है। वहीं यहां का शिव स्वरूप भैरव मंदिर भी अपनी आस्था का आकर्षण लिए हुए है जो यहां शिव और शक्ति का संतुलन समेटे हुए है।
यहां धार्मिक आस्था का दूसरा स्थल खाटू श्याम मंदिर है जो बर्बरिक को कलियुग मे कृष्ण के ही रूप में पूजे जाने की महाभारत कालीन शीशदानी की पहचान रखता है। वर्तमान में यह धार्मिक स्थल जन आस्था का बड़ा स्थल बन चुका है।
ग्राम गणराज्य से विधानसभा तक का चौधरी साहब का सफरनामा
किसान परिवार से ताल्लुख रखते स्वतंत्रता सेनानी पिता की गर्माहट अपने व्यक्तित्व में थामे चौधरी श्री नारायणसिंह ने वर्ष 1954 में वार्डपंच के रूप में जनप्रितिनिधित्तव संभाला, तो 1959 में आप ग्राम गणराज्य के मुखिया के साथ साथ वर्ष 1962 तक स्थानीय स्वशासन के तहत प्रधान जैसी भूमिकाओं मे रहे, फिर आप वर्ष 1962 से अगले 15 वर्षो तक स्थानीय स्वशासन के सर्वोच्च निकाय जिला परिषद् में जिला प्रमुख के पद पर रहते हुए सीकर जिले के ग्रामीण विकास के भागीरथ के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई… तो वही वर्ष 1972 में आप पहली बारी विधायक निर्वाचित हुए। विधायक के साथ साथ आप अगले पाच वर्षो इन दोनों पदों के कर्तव्य का निर्वहन भली भांति किया जिसके कसीदे लोगो की जुबानी सुने और महसूस किए जा सकते जा सकते है
साथ ही आप अपनी स्पष्टवादिता और कड़क स्वभाव के चलते वो खुदरंग राजनीतिज्ञ बने जिनका प्रभाव शासन-प्रशासन में मजबूती से महसूस किया जाता रहा। आपकी हामी ही काम की 100 % गारंटी हुआ करती थी।
आपने कभी चाटुकारिता वाली न राजनीति ना तो की और ना ही ऐसी राजनीति करवाई। टॉप टू बॉटम आपकी नीति उस चौधरी के रूप में रही जिसकी मिशाल कोई कथा कहानियों में दी जाती थी। आपने दिलासों और वादों वाली राजनीति नहीं की, आपकी राजनीति धरातलीय स्वरूप लिए मजबूत इरादों वाली रही जहां आमजन में विश्वास की प्रगाढता थी उसी का परिणाम रहा कि आप 7 बार विधानसभा में अपने क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया।
आपने गांव देहात मे छान – झूपों वाली बस्ती से आलीशान बंगलों तक वाले बदलाव को देखा, तो आपने कृषि के क्षेत्र में बारानी से सिंचित क्षेत्र में तबदील होती खेती किसानी को कुएं नलकूपों को विद्धुतिकरण, ग्रामीण पेयजल, शिक्षा और स्वास्थ्य के वे आयाम गढ़े और बुने कि आज भी लोग चौधरी साहब के कामों की बात करें तो प्रत्येक गांव की सूची बन जाए। आपने क्षेत्र की सेवा मे लम्बा अरसा बिताया लिहाजा दांतारामगढ़ को आज के आधुनिक स्वरूप को समेटता हुआ दांता रामगढ़ बनाने मे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसके चलते आपको आधुनिक दांता रियासत के लोकतांत्रिक जन्मदाता कहे तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी,
किसान हितों को लेकर, आपकी दूरदर्शिता का ही परिणाम रहा कि आपने वर्षो पहले पलसाना में कृषि उपज मंडी की स्थापना करवाकर क्षेत्र के किसानों को उन्ही के क्षेत्र मे अनाज बेचने की सुविधा उपलब्ध करवाई वहीं आपने खेती किसानी के तहत पशुपालन बढ़ावा देने व लोगों की आर्थिक गतिशीलता को विस्तार देने के लिए पलसाना मे जिला दुग्ध उत्पादन व वितरण समिति की स्थापना करवाई जिसके चलते क्षेत्र में पशुधन में वृद्धि हुई और लोगों की आर्थिक गतिशीलता को विस्तार मिला
वर्ष 1972 से 2018 तक के 45 वर्षों के आपके राजनीतिक सफरनामें में आपको महज 3 बार शिकस्त मिली जो इंदिरा गांधी के विपक्ष की लहर है या फिर अजय चौटाला का उतरना हो या फिर त्रिकोणिय संघर्ष में कम्यूनिस्ट नेता अमरा राम हो । बाकि आपकी राजनीतिक सक्रियता 33 वर्ष तक नेतृत्वकर्ता के रूप में और 11 वर्ष मजबूत विपक्ष के रूप में रही।
आपने संगठन को वो मजबूती प्रदान की जिसका आज भी कोई सानी नहीं है। आप कोंग्रेस संगठन में वर्ष 2004 से 2007 तक करीब 3 वर्षो तक प्रदेशाध्यक्ष रहे। आपके सानिध्य में ही वर्तमान प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा तैयार हुए जो आप ही की भांति एक मजबूत और निर्भीक नेतृत्वकर्ता के रूप में कांग्रेस के प्रदेश संगठन को साध रहें है। आप राजस्थान किसान आयोग के प्रथम अध्यक्ष के रूप में रहते हुए राज्य सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनओं को धरातलीय स्वरूप दिया ।
आप वर्ष 2004 से 2007 तक राज्य किसान आयोग के प्रथम प्रदेश प्रदेशाध्यक्ष रहे इस दौरान किसान हितों को लेकर आप ने जो नीतियां बनाई वो आज खेतों में बने हुए प्याज भंडारण सैड, वाटर डिग्गियो, तारबंदी योजना, पाइपलाइन योजना… के रूप में देखी और महसूस की जा सकती है
वर्ष 1985 में आपके पुत्र वीरेन्द्र सिंह भी आपके साथ राजनीतिक में चहलकदमी करने लगे वर्ष 2000 में दांतारामगढ़ पंचायत समिति चुनावों में निर्विरोध सदस्य बन सर्वाधिक मतों से प्रधानी की कमान संभाली।
लगातार पिता श्री नारायण सिंह चौधरी के चुनावी प्रबंध, और क्षेत्र में भागीदार बनते रहे। बढ़ती उम्र के चलते जब स्वास्थ्य साथ नहीं दिया तो आप के पुत्र वीरेन्द्र सिंह को 2018 की उम्मीदवारी मिली जो विजय में तब्दील हुई।
आप भी पिता की भांति ही गंभीर व्यक्तित्व है। एक ऐसे राजनीतिज्ञ जो लम्बी लच्छेदार भाषणबाजी की बजाय कम शब्दों में नपी-तुली बात करते हुए आमजन के बीच बेहतर समन्वय के आधार पर एक सफल राजनीतिज्ञ साबित हुए।
आप प्रदेशाध्यक्ष रहे सचिन पायलट से लेकर वर्तमान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष श्री गोविन्द सिंह डोटासरा तक एक मजबूत समन्वय तथा सरकार के मुखिया अशोक गहलोत से जुगलबंदी करते हुए विकास के वे आयाम स्थापित किए जो उन लोगों के लिए प्रश्नवाचक चिन्हों का प्रत्युतर था कि वीरेन्द्र सिंह में वो बात नही है जो चौधरी साहब में रही।
आप ने पिता श्री के नक्शे क़दम पर काम करते हुए Virender Singh ने शासन – प्रशासन के साथ बेहतरीन समन्वय करते हुए विकास को वो रफ्तार दी जो शायद पहले कभी नहीं देखी गई।
विकास के गौरवशाली पांच वर्ष
“मेरे हौसलों पे मुन्हसिर रही तक़दीर मेरी,
हाथ की लकीर भी बदल गयीं जब सोचा मैंने!!
शिक्षा के क्षेत्र मे क्रांतिकारी बदलाव –
- नारायण सिंह चौधरी की भाँति ही आप ने विकास कार्यों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी आपने क्षेत्र में 30 से अधिक विद्यालयों को क्रमोन्नति की सौगात दी वही क्षेत्र के 2 दर्जन विद्यालयों में विभिन्न संकाय स्वीकृत करवाए। साथ ही राज्य सरकार की शिक्षा के सन्दर्भ में अभूतपूर्व पहल के रूप में महात्मा गाँधी अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों के तहत अपने विधानसभा क्षेत्र दांताराम गढ़ में 3 दर्जन से अधिक अंग्रेजी माध्यम विद्यालय खुलवाए
- भाजपा के समय की 3 दर्जन बंद पड़ी स्कूलों को पुनः शुरू करवाया वहीं विद्यालयों में इन्फ्रास्ट्रक्चर को बेहतर करने के लिए 36 करोड़ के नवीन कार्य करवाए।
- आपने दो दर्जन विद्यालयों में कंम्प्यूटर लैब स्थापित करवा कर क्षेत्र में बच्चों को तकनीक से जोड़ने में अहम भूमिका निभाई तो पलसाना मे खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय का निर्माण करवाया ताकि बेहतर समन्वय के जरिए शिक्षा के क्षेत्र में नवीन आयाम स्थापित किए जा सके।
- बालिका शिक्षा के लिए आपके विशेष प्रयासों के तहत कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास की स्थापना बाय में की गई।
- आज दातारामगढ़ क्षेत्र की प्रत्येक ग्राम पंचायत में दो से तीन उच्च माध्यमिक विद्यालय है जो दातारामगढ़ क्षेत्र को संपूर्ण शेखावाटी अंचल में अग्रिम पंक्ति पर सुशोभित करते है जो कभी रहे आपके ही विजन का परिणाम है
- ध्यातव्य रहे कि आपके क्षेत्र का यह बाय कस्बा अपनी विशिष्ट ऐतिहासिक पहचान रखता यहां सीकर जिले का सबसे बड़ा दशहरा पर्व मनाया जाता है।
चिकित्सा के क्षेत्र में हुए आमूलचूल परिवर्तन –
आपने लोक स्वास्थ्य की बेहतरी के लिए जो साहसिक कार्य किए वो अपने आप के मिशाल नजर आते हैं…
- आपने धार्मिक आस्था की नगरी खाटूश्याम जी को विशेष तवज्जो देते हुए वहां उपजिला अस्पताल खुलवाया, साथ ही वहां ऑक्सीजन प्लांट से लेकर बल्ड स्टोरेज प्लांट भी स्थापित किया ताकि देश भर से आने वाले हजारों-हजार श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य की बेहतरी की जा सके।
- आपके प्रयासों से बाय, जीणमाता, राणोली में 3 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र यानी CHC स्थापित हुए वही मदनी, धींगपुर, सुरेरा, करड़ सहित आधा दर्जन गांवों मे प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र यानी PHC खुलवाए गए वहीं दर्जन भर गांवों मे उप-स्वास्थ्य केन्द्र (सब सेंटर) स्थापित करवाए।
- आपके दातारामगढ़ व राणोली में रेफरल सुविधाओं की बेहतर इंतजाम के लिए 65 लाख की लागत से अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस 2 एम्बुलेंस उपलब्ध करवाए।
- साथ ही आपके पलसाना राणोली में ट्रोमा सेंटर की भी शुरुआत की। सरकार की चिरंजीवी स्वास्थ्य योजना, चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना, राजस्थान सरकार स्वास्थ्य योजना के साथ-साथ अस्पतालों के निःशुल्क दवा व जांच योजनाओं के जरिए साथ-साथ बड़ा हैल्थ सैट-अप स्थापित किया है जो लोक स्वास्थ्य के प्रति आपकी संवेदनशीलता को रेखांकित करता है।
खेती किसानी की खुशहाली में किए गए अभूतपूर्व कार्य
- किसान हितों के संरक्षण हेतु आपने क्षेत्र के किसानो को अनुदानित दरों पर कृषि उपकरण व कृषि मशीनरी खरीदने के लिए आधा दर्जन गांवों मे किसान हायरिंग सेंटर स्थापित करवाए वहीं किसान हित में आधा दर्जन गांवो में किसान सेवा केन्द्रों की स्थापना करवाई।
- आपने खाटूश्याम जी मे 3000 मीट्रिक टन क्षमता के वेयर हाउस की स्थापना करवाई जो इस क्षेत्र मे बड़ी उपलब्धि को रेखांकित करवाता है ।
साथ ही पलसाना की कृषि उपज मंडी कार्यालय के लिए 2 करोड़ की लागत से बना भवन उपज मंडी को गतिशीलता प्रदान कर रहा है। - आपने सहकारिता को बढावा व विस्तार देने के लिए 10 नई ग्राम सहकारी समितियों की स्थापना करवायी जिससे लोगों को कृषि कार्य के लिए अल्पकालीन ऋणों से लेकर अन्य कृषि सह उद्यमों की स्थापना में ऋण सुविधाए मिल पाएगी।
- आपके द्वारा कृषि सह उद्यम पशुपालन के लिए भी अनेकानेक कार्य किए गए जो अपने आप में अनूठी मिशाल है आपने क्षेत्र के दो बड़े कस्बों दांता और पलसाना में उच्च स्तरीय पशु चिकित्सा लेबोरेट्री की स्थापना करवायी जो पशु चिकित्सा में सटीक इलाज को मार्ग-दर्शित करती है।
- दांतारामगढ़ विधायक श्री वीरेन्द्र सिंह द्वारा क्षेत्र के मोटलावास व चक ग्राम पंचायतों में प्रथम श्रेणी पशु चिकित्सालय क्रमोन्नत करवा कर वहां इन्फ्रास्ट्रक्चर स्थापित करवाया गया।
- साथ ही दर्जनों गांवों मे पशु चिकित्सा सब सेंटरों की स्थापना करवाई जो पशुधन सहायकों की सहायता से पशु-चिकित्सा के संदर्भ में ग्रासरूट स्तर पर काम कर रहे हैं।।
जन सुरक्षा के संदर्भ में अनूठी पहलें
आपने लोगों की सुरक्षा की बेहतरी के लिए जहां दांतारामगढ़ में पुलिस उपाधीक्षक कार्यालय की स्थापना करवाकर, भवन के लिए 1 करोड़ की राशि स्वीकृत करवाई ।
दांता पुलिस चौकी की स्थापना के लिए 90 लाख की राशि स्वीकृत करवायी ताकि बेहतर संसाधन के साथ सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
आपने जीणमाता जी क्षेत्र मे नवीन पुलिस स्टेशन की स्थापना करवाई जिसमें क्षेत्र में कानून और सुरक्षा का प्रबंधन पुख्ता कर के लोगों को सुखी और सम्पन्नता से लबरेज गरिमामई वातावरण में अपने जीवन को गतिशीलता मिल सके।
पुलिस उपाधीक्षक कार्यालय दांतारामगढ़ की स्थापना व भवन का निर्माण भी आपकी न्याय और सुरक्षा को समर्पित सोच का परिचायक है।
पेयजल जैसी अत्यावश्यक जरूरतों के लिए बड़े कदम
इसके अलावा आपके क्षेत्र मे डार्क जोन 2 चलते जहां पेयजल एक गंभीर समस्या रही है उसकी बेहतरी के लिए करीब 120 करोड़ रुपए के विभिन्न कार्य करवाए जिसमे जल जीवन मिशन के तहत बने 70 से अधिक उच्च जलाशय हो, लोगो के घरों तक पानी की पहुंच सुनिश्चित करना हो या फिर 950 किलोमीटर लम्बी पाइप लाइन हो ये सब आपने बेहतर जल प्रबंधन के लिए कार्य किए।
अप के ही प्रयासों से पेयजल की सुनिश्चितता के लिए कुम्भाराम लिफ्ट कैनाल पेयजल प्रयोजना के लिए 700 करोड़ रूपए की राशी आवंटित करवा कर पेयजल के सन्दर्भ में विधानसभा क्षेत्र का भविष्य सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई
आपने क्षेत्र की विभिन्न स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरूप विगत पांच वर्षो में 300 से अधिक ट्यूबवेल खुदवाएं और 100 से अधिक हैंडपम्प लगवाएं। यानी “जल जीवन है।” के मूलमंत्र को अपने जेहन में सदैव बनाए रखा।
डामरीकृत सड़को के जाल के जरिए बढाई कनेक्टिविटी
आपके क्षेत्र में जहां धार्मिक पर्यटन स्थल के तौर पर खाटूश्याम जी मंदिर और जहां जीणमाता के रुप मे शक्ति पीठ है तो ऐसे में संभाग मुख्यालय सीकर हो या फिर राज्य राजधानी जयपुर तक की कनेक्टिविटी हो, यातायात की निर्बाध व्यवस्था के लिए मजबूत सड़क नेटवर्क की आवश्यकता होती है
ऐसे में आपने सड़क कनेक्टिविटी को उच्च प्राथमिकता दी जिसके चलते करीब 370 करोड़ लागत की 550 किलोमीटर डामरीकृत सड़को को जाल बिछाया। जिसमे 7 मीटर चोड़ी 2 दर्जन से अधिक सड़के बनाकर आवागमन को बेहतर किया
100 करोड़ की लागत से सीसी ब्लोक सड़को व ग्रेवल सड़को का भी निर्माण करवाया … सडकों के इसी जाल से अब आपके क्षेत्र के गांव नगरीय स्वरूप लिए संभाग मुख्यालय और राजधानी से दूर नहीं रह गए हैं। शहर को कोचिंग व स्कूलों तक आवागमन के साथ-साथ व्यापार वाणिज्य के लिए भी आवागमन अब बहुत सहज व सुगम हो गया है।
आप ही के प्रयासों से जयपुर बीकानेर हाईवे से खाटू श्याम जी को जोड़ती हुई आधा दर्जन 7 मीटर चौड़ी सड़के श्रद्धालुओं के लिए सुगम यातायात प्रबंधन का बेहतरीन इंतजाम हुआ
आपके द्वारा विधानसभा से गुजरने वाले 135 किलोमीटर लम्बे स्टेट हाई-वे का पुर्ननिर्माण करवाया गया जो लम्बी दूरी की यात्राओं में तीव्र गति के साथ कनेक्टिविटी को रेखांकित करता चला गया।
प्रशासनिक ढांचे में व्यापक विस्तार-
आपने शासन प्रशासन की सबसे छोटी ईकाई ग्राम पंचायत की बेहतरी, लोगों की सुविधा और शासन की आमजन तक सुगम पहुंच के लिए क्षेत्र को सुनिश्चित करते हुए …
- विधानसभा क्षेत्र में सामेर, अजबपुरा, राजपुरा-नौसाल, मगनपुरा, गिलों की ढाणी, रामपुरा सहित 6 नवीन ग्राम पंचायतों का गठन करवाया।
- पंचायती राज की व्यवस्था की मध्यवर्ती कड़ी पंचायत समिति के रूप में पलसाना को पंचायत समिति की सौगात दी।
इसी के साथ ग्राम पंचायत दांता को क्रमोन्नत करते हुए पंचायतीराज से स्वायत्त शासी निकाय नगर पालिका के में रूप के रूप मे विस्तार दिया ।
आप ही के प्रयासों से सामेर, मगनपुरा, बधाला की ढाणी, राजपुरा-नौसाल, रायपुरा, अजबपुरा सहित आधा दर्जन गांवों मे नवीन पटवार मंडल स्वीकृत करवाकर राजस्व सुविधाओं की पहुंच आमजन तक करने की कोशिश की तो वही शिक्षा के क्षेत्र में आपने प्रबंधन और समन्वय के कार्यालय के लिए पलसाना में खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय का निर्माण करवाया ।
वहीं दांतारामगढ़ मे ADJ कोर्ट की स्थापना करवाई ताकि लोगों को विधिक न्याय, उन्ही के क्षेत्र में रहते हुए मिल सके। साथ ही पुलिस उपाधीक्षक कार्यालय दांतारामगढ़ के भवन का निर्माण भी आपकी न्याय और सुरक्षा को समर्पित सोच का परिचायक है।
आपने जीणमाता जी क्षेत्र मे नवीन पुलिस स्टेशन की स्थापना करवाई जिसमें क्षेत्र में कानून और सुरक्षा का प्रबंधन पुख्ता किया जा सके और लोगों को सुखी और सम्पन्नता से लबरेज गरिमामई वातावरण में अपने जीवन को गतिशीलता मिल सके।
अपने क्षेत्र के सबसे बड़े धार्मिक स्थल खाटू-श्याम मंदिर के VIP दर्शन बनने जा रही कल्चर को ब्रेक लगाने को लेकर संकल्प लेते हुए सर्वप्रथम अतिक्रमण हटवाने के लिए तात्कालिक SDM महोदया प्रतिभा वर्मा तथा जिला कलक्टर अमित यादव से बेहतर संवाद करते हुए अतिक्रमण हटाकर बेहतरीन व्यवस्था को धरातल पर उतारा… उसी का परिणाम रहा कि आज खाटू श्याम मंदिर परिसर पर्यटक फ्रेंडली हो चली है। साथ ही जनसामान्य की सुविधाओ के भी बेहतर कार्य किए है।
ऐसे ही अनेकानेक लोक कल्याणकारी कार्य विगत 5 वर्षों मे, वो यह साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत है कि लम्बे-चौड़े भाषण देने वाला ही सफल राजनेता नहीं होता है बल्कि वीरेन्द्र सिंह की भांति मितभाषी रहते हुए शासन-प्रशासन से बेहतर जुगलबंदी करते हुए क्षेत्र का सर्वांगीण विकास किया जा सके ।
निश्चित रूप से आप शालीन व्यक्तित्व लिए जमीनी जुड़ाव वाली राजनीति लोकतंत्र की मूल के ईर्द गिर्द घूमती नजर आती है जिसमे आमजन की शासन-प्रशासन से न दूरी ही न अलगाव है।
1 | सड़के | 370 करोड़ लागत की 550 KM डामरीकृत सड़के, 135 KM लम्बे स्टेट हाई-वे |
2 | पेयजल | 120 करोड़ के प्रोजेक्ट 70 से अधिक उच्च जलाशय, 950 KM लम्बी पाइप लाइन |
3 | स्वास्थ्य | उपजिला अस्पताल, ऑक्सीजन प्लांट, 3 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, आधा दर्जन गांवों मे PHC |
4 | पंचायत | 6 नवीन ग्राम पंचायतों का गठन व भवन निर्माण |
5 | New GSS | 5 नए GSS की सौगात |
6 | विधुतीकरण | 2 दर्जन गावों को सिटी लाइन से जोड़ा गया |
7 | सुरक्षा | पुलिस उपाधीक्षक कार्यालय दांतारामगढ़, जीणमाता जी क्षेत्र मे नवीन पुलिस स्टेशन |
8 | शिक्षा | कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास, 30 से अधिक विद्यालयों को क्रमोन्नति |
9 | कृषि | वेयर हाउस, कृषि उपज मंडी कार्यालय, 10 नई ग्राम सहकारी समितियों, 29 करोड़ का मुहावजा |
10 | स्वस्छता | विधासभा क्षेत्र के विभिन्न ढाणी मोहल्लों में पानी निकासी के लिए सीसी ब्लोक व सलग्न नालियों का निर्माण कर गावों को निर्मल और स्वच्छ बनाया |
Virender Singh FAQ
Virender Singh का जन्म कब हुआ
Virender Singh का जन्म 09 फ़रवरी 1968 को दांतारामगढ़ विधानसभा क्षेत्र के एक छोटे से गावं तुलसीरामपुरा में हुआ था
Virender Singhका जन्म कहा हुआ
Virender Singh का जन्म 09 फ़रवरी 1968 को दांतारामगढ़ विधानसभा क्षेत्र की पंचायत गोवटी के एक छोटे से गावं तुलसीरामपुरा पूरा में हुआ था
Virender Singh का माता पिता कोन है
Virender Singh के पिता का नाम चौधरी नारायण सिंह बुरड़क व माता का नाम मोहनी देवी है Virender Singh के पिता अपने क्षेत्र से 7 बार विधायक रहे है जो आप अपनी स्पष्टवादिता और कड़क स्वभाव के चलते वो खुदरंग राजनीतिज्ञ के रूप में जाने जाते है
Virender Singh की शिक्षा कहा से हुई
Virender Singh की शिक्षा की बात करे तो, सीकर स्थित राजस्थान के सबसे बड़ी कॉलेज श्रीकल्याण महाविद्यालय से स्नातक व अधिस्नातक उच्च दक्षता से पास की है
Virender Singh ने राजनिति में कब कदम रखा
Virender Singh ने वर्ष 1985 में ही अपने पिता नारायण सिंह के साथ राजनीतिक में चहलकदमी करने लगे वर्ष 2000 में दातारामगढ़ पंचायत समिति चुनावों में निर्विरोध सदस्य बन सर्वाधिक मतों से प्रधानी की कमान संभाली। तो 2018 में कोंग्रेस पार्टी की टिकट पर चुनाव जीतकर विधानसभा पहुचे
Virender Singh विधायक कब बने
Virender Singh 2018 में विधायक बने यह इनका पहला ही चुनाव था और इसमे इन्होंने ऐतिहासिक जीत हासिल की
Virender Singh ने चुनाव कितने वोटों से जीते
Virender Singh ने विधायक के रूप में पहला चुनाव 2018 में लड़ा था जो अपने प्रतिद्वंद्वी हरीश कुमावत से 920 वोटों से विजय रहे
Virender Singh ने समय समय कितनी नई पंचायते बनी
Virender Singh ने अपने विधायक कार्यकाल में कुल 6 नवीन ग्राम पंचायतों का गठन व भवन निर्माण का कार्य करवाया
दांतारामगढ़ पंचायत नगरपालिका कब बनी
दांतारामगढ़ विधानसभा क्षेत्र होते हुए भी काफी वर्षो तक ग्राम पंचायत ही रहा है हालाँकि कम जनसख्या होते हुए भी विधायक Virender Singh के प्रयासों से वर्ष २०२१ को नगरपालिका बना
दांतारामगढ़ को किसने बसाया
करीब 350 साल पहले 1669 में जयपुर के कछवाहा राजवंश के छत्रप राजा वीर सिंह के पुत्र अमर सिंह द्वारा दातारामगढ़ ठिकाने की स्थापना की जो आजादी तक राजतंत्र की व्यवस्था को संभाला करता था
दांतारामगढ़ विधानसभा क्षेत्र के प्रमुख धार्मिक स्थल
दांतारामगढ़ वह क्षेत्र है जिसके इतिहास के पन्ने बेहद उज्ज्वल है यह धरती देश विदेश में ख्याति प्राप्त धार्मिक स्थल खाटू श्याम मंदिर तो भाई – बहन के अमिट प्रेम को अपने आंचल में समेटे हुए हर्षनाथ की पहाड़ीयो के आंचल में स्थित शक्तिपीठ जीण भवानी का मंदिर सम्पूर्ण शेखावाटी अंचल की अद्वितीय सांस्कृति विरासत को समेटे हुए सांस्कृतिक धरोहर है।
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