Chittorgarh mein Ghumne ki Jagah, चित्तौड़गढ़, राजस्थान का एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व का शहर है। यह स्थान भारत की वीरता, बलिदान और समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है। चित्तौड़गढ़ अपनी शूरवीरता, राजपूत योद्धाओं और रानी पद्मिनी की कहानियों के लिए प्रसिद्ध है।
Chittorgarh mein Ghumne ki Jagah
आप भारत या राजस्थान की यात्रा पर निकले हों और चित्तौड़गढ़ की बात न हो, ऐसा असंभव है। राजस्थान के उदयपुर से करीब 111 किलोमीटर की दूरी पर स्थित चित्तौड़गढ़ यहां आने वाले पर्यटकों के लिए आकर्षण का प्रमुख केंद्र है।
चित्तौड़गढ़ की घुमने लायक जगह
चित्तौड़गढ़ अपने किले के लिए बहुत प्रसिद्ध है। इसके अलावा यहां के भव्य महल और मंदिर, चित्तौड़गढ़ के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को दर्शाते हैं। इसके अलावा यहां स्थित वन्यजीव अभ्यारण्य भी पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।
1. चित्तौड़गढ़ किला (Chittorgarh Fort)
- इतिहास: यह किला मौर्य वंश द्वारा 7वीं शताब्दी में बनाया गया था और इसे कई राजपूत राजाओं द्वारा समय-समय पर विस्तार किया गया।
- क्षेत्रफल: यह किला 700 एकड़ से भी अधिक क्षेत्र में फैला हुआ है।
- प्रवेश द्वार: किले में सात बड़े प्रवेश द्वार हैं, जिनके नाम हैं: पादल पोल, भैरव पोल, हनुमान पोल, गणेश पोल, जोदी पोल, लक्ष्मण पोल, और राम पोल।
- विशेषता: किले की दीवारें और संरचनाएं राजपूत वास्तुकला का अद्वितीय उदाहरण हैं। किले के अंदर कई महल, मंदिर, और जलाशय हैं।
- आकर्षण: किले के भीतर कई महत्वपूर्ण संरचनाएँ हैं, जैसे राणा कुंभा महल, रानी पद्मिनी महल, विजय स्तंभ, कीर्ति स्तंभ, गौमुख कुंड, और कई अन्य मंदिर। यह किला अपनी वीरता और बलिदान की कहानियों के लिए प्रसिद्ध है।
2. रानी पद्मिनी महल (Rani Padmini Palace)
- वास्तुकला: महल का निर्माण जलाशय के बीच में किया गया है, जिससे यह एक तैरते हुए महल का आभास देता है।
- कहानी: रानी पद्मिनी की सुंदरता और साहस के किस्से प्रसिद्ध हैं। अलाउद्दीन खिलजी ने उनकी सुंदरता की चर्चा सुनकर किले पर आक्रमण किया था।
- विवरण: महल का मुख्य भाग जलाशय में है और इसके चारों ओर सुंदर बाग-बगीचे हैं।
- इतिहास: यह महल रानी पद्मिनी के निवास स्थान के रूप में जाना जाता है, जो अपनी सुंदरता और चित्तौड़ की रानी के रूप में प्रसिद्ध थीं।
- आकर्षण: महल का स्थापत्य और इसके चारों ओर की जलधारा इसे अद्वितीय बनाती है। यहाँ रानी पद्मिनी के जीवन की कहानियाँ और इतिहास जीवंत हो उठते हैं। अलाउद्दीन खिलजी ने यहाँ की सुंदरता को देखने के लिए इस महल पर आक्रमण किया था।
3. विजय स्तम्भ (Vijay Stambh)
- निर्माण: इसे राणा कुंभा ने 1448 में महमूद खिलजी पर विजय की स्मृति में बनवाया था।
- ऊंचाई: यह 37.19 मीटर (122 फीट) ऊंचा है।
- वास्तुकला: स्तम्भ की दीवारों पर देवी-देवताओं, पौराणिक कथाओं और शिलालेखों की नक्काशी की गई है। यह राजपूत वास्तुकला का अद्वितीय उदाहरण है।
- सीढ़ियां: इसके अंदर 157 सीढ़ियां हैं, जो शीर्ष तक पहुंचने का मार्ग देती हैं। यहां से चित्तौड़गढ़ किले का सुंदर दृश्य देखा जा सकता है।
- इतिहास: महाराणा कुम्भा ने 1440 में मालवा के सुल्तान महमूद खिलजी पर विजय प्राप्त करने के बाद इसे बनवाया था
- विशेषता: स्तंभ के शीर्ष से चित्तौड़गढ़ किले और आसपास के क्षेत्र का शानदार दृश्य मिलता है।
4. कीर्ति स्तम्भ (Kirti Stambh)
- निर्माण: इसे 12वीं शताब्दी में बघेरवाल जैन व्यापारी जीजा द्वारा बनवाया गया था।
- ऊंचाई: यह 22 मीटर (72 फीट) ऊंचा है।
- वास्तुकला: स्तम्भ की दीवारों पर जैन तीर्थंकरों की मूर्तियां और शिलालेख हैं। यह जैन धर्म के अनुयायियों के लिए महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है।
- आकर्षण: इसमें अद्वितीय नक्काशी और मूर्तिकला का अद्भुत प्रदर्शन किया गया है।
- इतिहास: यह 12वीं शताब्दी का जैन स्तंभ है, जो दिगंबर जैन संत आदिनाथ को समर्पित है।
- विशेषता: स्तंभ के प्रत्येक मंजिल पर जैन तीर्थंकरों की मूर्तियाँ और जैन धर्म के विभिन्न पहलुओं की नक्काशी है।
5. कालिका माता मंदिर (Kalika Mata Temple)
- इतिहास: यह मंदिर 8वीं शताब्दी में बनाया गया था और बाद में 14वीं शताब्दी में इसे देवी काली को समर्पित किया गया।
- वास्तुकला: मंदिर की संरचना में प्राचीन हिन्दू वास्तुकला के अद्वितीय तत्व शामिल हैं।
- उत्सव: नवरात्रि के दौरान यहां विशेष पूजा और उत्सव आयोजित होते हैं, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं।
- धार्मिक महत्व: यह मंदिर देवी काली को समर्पित है और यहाँ पर हर साल नवरात्रि के दौरान विशेष पूजा और उत्सव आयोजित किए जाते हैं।
6. गोमुख कुंड (Gomukh Kund)
- विवरण: यह एक प्राकृतिक जलाशय है, जिसे गोमुख के आकार में बनाया गया है।
- शांति: यहां का शांत वातावरण और प्राकृतिक सुंदरता पर्यटकों को आकर्षित करती है।
- धार्मिक महत्व: जलाशय के पास स्थित गुफा में एक शिवलिंग स्थापित है, जो धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है।
- विशेषता: कुंड का पानी एक गाय के मुख के आकार के स्पाउट से आता है और इसे पवित्र माना जाता है।
- आकर्षण: कुंड का शांत वातावरण और इसके चारों ओर की प्राकृतिक सुंदरता पर्यटकों को आकर्षित करती है। यहाँ पर श्रद्धालु स्नान करते हैं और प्रार्थना करते हैं।
7. फतेह प्रकाश महल (Fateh Prakash Palace)
- निर्माण: यह महल 19वीं शताब्दी में महाराणा फतेह सिंह द्वारा बनवाया गया था।
- संग्रहालय: महल को अब संग्रहालय में परिवर्तित कर दिया गया है, जहां प्राचीन हथियार, वस्त्र, चित्रकला और मूर्तियां प्रदर्शित की गई हैं।
- विशेषता: महल की भव्यता और इसके अंदर प्रदर्शित वस्तुएं राजपूत संस्कृति और इतिहास की झलक देती हैं।
- इतिहास: यह महल महाराणा फतेह सिंह द्वारा 1920 में बनवाया गया था।
- वास्तुकला: महल की भव्यता, संग्रहालय और कला दीर्घा पर्यटकों को आकर्षित करती है।
- आकर्षण: यहाँ विभिन्न शाही चित्र, हथियार, और वस्त्र प्रदर्शित किए गए हैं। महल की भव्यता और इसमें संग्रहित कला और ऐतिहासिक वस्तुएं इसे एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल बनाती हैं।
8. मीराबाई मंदिर (Meera Temple)
- निर्माण: यह मंदिर भक्तिमार्ग की महान संत मीराबाई को समर्पित है।
- वास्तुकला: मंदिर की संरचना में प्राचीन राजस्थानी वास्तुकला के तत्व शामिल हैं।
- धार्मिक महत्व: मीराबाई भगवान कृष्ण की परम भक्त थीं, और इस मंदिर में उनकी भक्ति और जीवन से संबंधित कई कथाएं और भजन दर्शाए गए हैं।
9. सती का कुटी (Sati’s Chhatri)
- विवरण: यह स्थान उन रानियों की याद में बनाया गया है जिन्होंने अपने पतियों की मृत्यु के बाद सती हो गई थीं।
- धार्मिक महत्व: यह स्थल चित्तौड़गढ़ के वीरता और बलिदान की कहानी को जीवंत करता है।
- आकर्षण: यहाँ पर सुंदर नक्काशी और स्थापत्य कला के उदाहरण देखे जा सकते हैं।
चित्तौड़गढ़ का यह समृद्ध इतिहास और सांस्कृतिक धरोहर इसे एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल बनाता है। इन स्थलों की यात्रा से आप राजस्थान की गौरवशाली संस्कृति और इतिहास का अनुभव कर सकते हैं।
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